प्रधानमंत्री ने एकजुट एनडीए से भावी राजनीति के संकेत दिए:- (Date: 25-05-2025)
रामनारायण श्रीवास्तव नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गठबंधन के मुख्यमंत्रियों की बैठक के जरिये टीम एनडीए का मजबूत संदेश देते हुए आगामी चुनावी मोर्चे के लिए न केवल खुद को तैयार किया है, बल्कि विपक्ष के मंसूबों को भी ध्वस्त करने की कोशिश की है। बैठक में प्रधानमंत्री का पूरा जोर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की एकजुटता पर था। बैठक में जो दो प्रस्ताव पारित किए गए वह भी एनडीए की भावी राजनीतिक रणनीति के महत्वपूर्ण पहलू हैं। पहला प्रस्ताव भारतीय सशस्त्र बलों और प्रधानमंत्री मोदी को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर बधाई देने के लिए पारित किया गया।
दूसरे प्रस्ताव में आगामी जनगणना के दौरान जातिगत आंकड़ों के संकलन के सरकार के फैसले की सराहना की गई। यह कदम खासतौर पर बिहार जैसे राज्य में सामाजिक संतुलन और प्रतिनिधित्व की मांगों से जोड़कर देखा जा रहा है। बिहार में जाति आधारित राजनीति पर एनडीए विपक्ष को घेरने का मौका नहीं देना चाहता है। यह प्रस्ताव न सिर्फ सामाजिक न्याय को लेकर एनडीए के दृष्टिकोण को मजबूती देता है, बल्कि विपक्ष की इस मुद्दे पर मोनोपोली को भी चुनौती देता है। बिहार विधानसभा चुनाव अहम बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी और जातीय जनगणना जैसे मुद्दे पर अभिनंदन प्रस्ताव आगामी चुनाव को लेकर एनडीए की तैयारियों की ओर इशारा करता है। 2024 में केंद्र में एनडीए-3 सरकार के गठन के बाद से यह इस तरह की पहली बड़ी बैठक है। एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक दिन पहले नीति आयोग की बैठक में नहीं पहुंचे, लेकिन एनडीए की बैठक में वह मौजूद रहे। जाहिर है कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के लिए इस समय मजबूत एनडीए और आगामी बिहार के विधानसभा चुनाव बहुत जरूरी हैं। नीतीश को सबसे ज्यादा अहमियत बिहार की राजनीति सामाजिक समीकरणों से चलती है, इसलिए विपक्ष के सबसे बड़े मुद्दे जातीय जनगणना को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक फैसले से अपने पक्ष में करने का बड़ा दांव खेला है। अब इसे भुनाने के लिए उन्हें मजबूत एनडीए और खासकर नीतीश की बेहद जरूरत है। यही वजह है कि बैठक में नीतीश को सबसे ज्यादा अहमियत दी गई। ध्रुवीकरण और विकास दोनों पर जोर बैठक में उन मुद्दों को भी विभिन्न प्रस्तुतीकरण के जरिये उठाया गया, जो ध्रुवीकरण की राजनीति और विकास के लिए एनडीए के एजेंडे के अनुरूप है और उनसे विपक्ष पर हमला करने का ज्यादा मौका मिलता है। साथ ही विपक्ष इनकी खुलकर आलोचना भी नहीं कर सकता है। आलोचना करने पर जो स्थितियां बनेंगी उनमें भाजपा और एनडीए लाभ उठाने की स्थिति में रहेंगे। काम से सुशासन का संदेश बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी के बारे में बात की। साथ ही बताया कि इसके तहत अब तक कौन-कौन से कदम उठाए गए हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर में नक्सलवाद की बात की। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बाल विवाह की बात की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में किए गए प्रशासनिक सुधारों के बारे में बताया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रोजेक्ट अलंकार के बारे में बात की, जिसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेजों के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। यह सभी मुद्दे सुशासन से जुड़े हुए हैं जो भाजपा और सुशासन बाबू यानी नीतीश कुमार की छवि मजबूत करते हैं।पक्ष में करने का बड़ा दांव खेला है। अब इसे भुनाने के लिए उन्हें मजबूत एनडीए और खासकर नीतीश की बेहद जरूरत है। यही वजह है कि बैठक में नीतीश को सबसे ज्यादा अहमियत दी गई। ध्रुवीकरण और विकास दोनों पर जोर बैठक में उन मुद्दों को भी विभिन्न प्रस्तुतीकरण के जरिये उठाया गया, जो ध्रुवीकरण की राजनीति और विकास के लिए एनडीए के एजेंडे के अनुरूप है और उनसे विपक्ष पर हमला करने का ज्यादा मौका मिलता है। साथ ही विपक्ष इनकी खुलकर आलोचना भी नहीं कर सकता है। आलोचना करने पर जो स्थितियां बनेंगी उनमें भाजपा और एनडीए लाभ उठाने की स्थिति में रहेंगे। काम से सुशासन का संदेश बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी के बारे में बात की। साथ ही बताया कि इसके तहत अब तक कौन-कौन से कदम उठाए गए हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर में नक्सलवाद की बात की। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बाल विवाह की बात की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में किए गए प्रशासनिक सुधारों के बारे में बताया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रोजेक्ट अलंकार के बारे में बात की, जिसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेजों के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। यह सभी मुद्दे सुशासन से जुड़े हुए हैं जो भाजपा और सुशासन बाबू यानी नीतीश कुमार की छवि मजबूत करते हैं।