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गांव और खेत मजबूत होंगे, तभी राष्ट्र सशक्त बनेगा : (Date: 10-06-2025)

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज-अयोध्या के एग्री बिजनेस मैनेजमेंट सभागार में आयोजित राष्ट्रव्यापी कृषि संकल्प अभियान के दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किसानों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा — “कृषि केवल जीविका का साधन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, आस्था और आत्मनिर्भरता की आत्मा है। जब गांव और खेत मजबूत बनेंगे, तभी राष्ट्र सशक्त बनेगा।”आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज-अयोध्या के एग्री बिजनेस मैनेजमेंट सभागार में आयोजित राष्ट्रव्यापी कृषि संकल्प अभियान के दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किसानों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा — “कृषि केवल जीविका का साधन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, आस्था और आत्मनिर्भरता की आत्मा है। जब गांव और खेत मजबूत बनेंगे, तभी राष्ट्र सशक्त बनेगा।”

डिप्टी सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार की एकजुटता देश की अर्थव्यवस्था को बदल सकती है। बिहार में मक्का, गेहूं और धान का दोगुना उत्पादन हुआ है। राज्य अब उत्पादक के साथ-साथ निर्यातक बनने की दिशा में भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

कृषि में नये नवाचार और योजनाएं

विजय सिन्हा ने बिहार सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों और पहलों की जानकारी दी —
✅ हर जिले में सीड हब की स्थापना।
✅ फसल विविधीकरण, सब्जी, मक्का, फल व औषधीय खेती को बढ़ावा।
✅ डिजिटल कृषि मिशन — ड्रोन, सैटेलाइट और AI तकनीक का उपयोग।
✅ जलवायु अनुकूल खेती, मिलेट्स और प्रोटीन युक्त अनाजों पर विशेष फोकस।

किसानों का सम्मान और संवाद

अभियान के दौरान आठ जनपदों के किसानों ने हिस्सा लिया। चार प्रगतिशील किसानों — मंशाराम, राजबहादुर वर्मा, सुरेंद्र सिंह और रमाशंकर को उपमुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। उन्होंने किसानों की समस्याएं भी सुनीं और समाधान की दिशा में सुझाव साझा किए।

सांस्कृतिक विरासत और कृषि का महत्व

उपमुख्यमंत्री ने राजा जनक का उदाहरण देते हुए कहा — अकाल में उन्होंने स्वयं हल उठाया था। हमारी सभ्यता की जड़ें कृषि में हैं। यही कारण है कि बिहार सरकार ने कृषि रोड मैप तैयार कर कृषि क्षेत्र को नया जीवन देने का काम किया है।

अंतिम संदेश

उपमुख्यमंत्री ने कहा —
“किसानों को केवल सहानुभूति नहीं, समर्पित रणनीति चाहिए। कृषि को समर्थन, संरचना, विज्ञान और सम्मान की आवश्यकता है। यही आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत की सच्ची बुनियाद है।”