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बौद्धिक और सांस्कृतिक धन से है भारत की पहचान : (Date: 06-07-2025)

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हमें अपनी विरासत का बोध और उसपर गर्व होना चाहिए। भारत की पहचान उसके बौद्धिक और सांस्कृतिक धन से है। भारत ने पूरी दुनिया को ज्ञान दिया है। वे एलएस कॉलेज के तीन दिवसीय स्थापना दिवस समारोह के दूसरे दिन शुक्रवार को शाइनिंग इंडिया टू अमृत काल, टुवर्ड्स एंड इंपावर्ड एंड विकसित भारत विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व की अन्य सभ्यताएं अन्य वजहों के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन भारत दुनिया की एकमात्र ऐसी संस्कृति है, जिसकी निरंतरता है और यह ज्ञान व एकात्मता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है।

मुजफ्फरपुर। बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति श्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि सनातन संस्कृति भारत की आत्मा है, यह निरंतर और अविनाशी है। भारतीय संस्कृति कभी भी धर्म, जाति या पंथ के आधार पर भेदभाव का समर्थन नहीं करती। विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों, रीति-रिवाजों और खानपान की आदतों के बावजूद सभी भारतीय नागरिक एक और समान हैं। यही भारत की असली ताकत है।

उन्होंने यह बातें एल.एस. कॉलेज, मुजफ्फरपुर के 126वें स्थापना दिवस समारोह के दूसरे दिन आयोजित संगोष्ठी में कहीं। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया।

कार्यक्रम में केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री डॉ. राजभूषण चौधरी निषादबिहार के उपमुख्यमंत्री माननीय विजय कुमार सिन्हाबी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय, तथा एलएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. ओ.पी. राय उपस्थित रहे। अतिथियों का स्वागत प्राचार्य प्रो. राय ने किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन डॉ. साजिदा अंजुम ने किया।

इस दौरान राज्यपाल ने कॉलेज में पाँच स्मार्ट क्लासरूम, चहारदीवारी और नव निर्मित सड़क का भी उद्घाटन किया।


एलएस कॉलेज लंगट बाबू की दूरदृष्टि का प्रतीक : कुलपति

कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने कॉलेज के संस्थापक बाबू लंगट सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल अपनी उदारता और दूरदृष्टि से इस भव्य ज्ञान केंद्र की स्थापना की, बल्कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में भी अमूल्य योगदान दिया।

उन्होंने कहा कि एलएस कॉलेज की स्थापना समाज को ज्ञान और सशक्तिकरण का स्थायी स्रोत प्रदान करने की भावना से की गई थी। बीएचयू की स्थापना भारतीय संस्कृति और आधुनिक शिक्षा के समन्वय का प्रतीक थी, जिसमें बाबू लंगट सिंह का योगदान उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा के एक सच्चे अग्रदूत के रूप में स्थापित करता है।


126वां स्थापना दिवस गौरवशाली उत्सव : उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा

उपमुख्यमंत्री माननीय विजय कुमार सिन्हा ने एलएस कॉलेज के स्थापना दिवस को 126 वर्षों की गौरवशाली ज्ञानगाथा का उत्सव बताया। उन्होंने कहा,

"यह केवल एक समारोह नहीं, बल्कि संस्कार, संस्कृति और सेवा की 126 वर्षों की अखंड परंपरा का उत्सव है।"

उन्होंने यह भी कहा कि एलएस कॉलेज ने राष्ट्र को डॉ. राजेंद्र प्रसाद, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' और आचार्य जे.बी. कृपलानी जैसे महान व्यक्तित्व दिए हैं। यहाँ शिक्षा सिर्फ करियर नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण का माध्यम रही है। बिहार की धरती पर जो ज्ञान की ज्योति प्रज्वलित हुई थी, वह आज भी अपने प्रकाश से देश को आलोकित कर रही है।